Anju Dixit

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लेखनी प्रतियोगिता -19-Mar-2022जीवन

 जीवन चलते रहना निरन्तर,

जब तक है सासों का स्वर।
 वही सार्थक है जीवन,
जो है गतिवान।

 रुकना थमना नही,
शिथिल होना नही,
ठहराव का तो प्रश्न नही,
जो है निरन्तर ऊर्जावान।

 सफलता के पीछे,
छुपा होता एक संघर्ष,
होता ककरीला पथ ,
जो गढ़ता कीर्तिमान।

सागर से भी अथाह,
इसमें रहस्यों का प्रवाह,
जो जितने गहरे उतरे,
वो ही हो गए चतुर सुजान।

कभी गरल सा कडुवा,
कभी अमृत सा मीठा,
कभी करना पड़ता,
शिव समान विषपान।

  प्रतिपल प्रतिपग, हैं सुख दुख,
रास्तों का है व्यूह अजब,
 जिसने समझकर कदम बढ़ाया,
पा गया वो ही उत्थान।

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6 Comments

वेरी नाइस..

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Punam verma

20-Mar-2022 10:34 AM

Nice

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Abhinav ji

20-Mar-2022 09:19 AM

Nice👍

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